BJP के लिए प्रचार करेंगे अमर सिंह, बोले- मैं न मुलायम, न अखि‍लेश के साथ, अखि‍लेश स्वघोषि‍त राजकुमार

मिर्जापुर.यहां मां विंध्यावासिनी के दर्शन करने पहुंचे राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा कि वह न मुलायम सिंह के साथ हैं और न ही अखि‍लेश यादव के साथ। वहीं, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे।
क्या बोले अमर स‍िंह…
-अमर स‍िंह ने मुलायम के बारे में कहा, “मुलायम स‍िंह सि‍र्फ अंगुली द‍िखाना और अंगुली करना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस की जमीन खराब कर दी। वर‍िष्ठ नेता चंद्रशेखर और चौधरी चरण स‍िंह ने पर‍िवार को बाहर न‍िकाल द‍िया। भाजपा को बहुत द‍िनों तक रोकने की क्षमता रखने वाला वह हार नहीं सकता, लेक‍िन हार रहा है।”
-“मुलायम का रोज का षड्यंत्र है। उनकी (पार्टी की) उलझन सुलझेगी नहीं, खाम‍ियाजा बाप-बेटे को भोगना होगा।”
अखि‍लेश स्वघोषि‍त राजकुमार- अमर
– सपा की अंतर्कलह पर अमर ने कहा, “मुलायम-अखिलेश की यह मिली भगत है। मुलायम ने पुत्र मोह में सत्ता और पार्टी पर अखिलेश को स्थापित किया। मैं न मुलायम सिंह के साथ हूं, न ही अखिलेश के साथ।”
– “अखिलेश स्वघोषित राजकुमार हैं। कोरिया के तानाशाह, जिसने अपने चाचा को भूखे शेर के सामने परोस दिया, उसी तरह अखिलेश ने किया। भूखी राजनीति के लिए अखिलेश ने अपने पिता की बलि दे दी। अखिलेश ने राम की मर्यादा भी लांघ दी, जिसने पिता के कहने पर 14 वर्ष का वनवास काटा।”
लड़कि‍यों पर लाठीचार्ज शर्मनाक
– BHU मामले में अमर ने कहा, ”पुलिस द्वारा लड़कियों के ऊपर लाठीचार्ज किया जाना बहुत ही शर्मनाक है और लड़कियों के साथ छेड़खानी नहीं होनी चाहिए। यह सब सरकार की जिम्मेदारियां हैं। जिस तरह राम राज्य में एक धोबी की शिकायत पर राजा राम ने सीता को राज्य से निकाल दिया था, उसी तरह हर घटना का जिम्मेदार सरकार होती है।”
51 शक्तिपीठों में मां विंध्यवासिनी ही एकमात्र पूर्णपीठ
– नवरात्र पर मिर्जापुर के विंध्य पर्वत पर विराजमान आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी की विशेष अर्चना की जाती है।
– आदि शक्ति देवी कहीं भी पूर्णरूप में विराजमान नहीं हैं। विंध्याचल ही ऐसा स्थान है, जहां देवी के पूरे विग्रह के दर्शन होते हैं।
– अन्य शक्तिपीठों में देवी के अलग-अलग अंगों की प्रतीक रूप में पूजा होती है, लेकिन 51 शक्तिपीठों में मां विंध्यवासिनी ही एकमात्र पूर्णपीठ है। ऐसे में दूर-दराज के श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
नवरात्र में होती व‍िशेष पूजा
– वैसे तो विंध्याचल में साल भर देवी मां के दर्शन होते हैं, लेकिन यहां नवरात्र का खास महत्व है। यहां शारदीय और बासंतिक नवरात्र में 24 घंटे मां के दर्शन होते हैं।
– नवरात्र के दिनों में देवी मां का खास श्रृंगार भी किया जाता है। इन नौ दिनों में महानिशा पूजा का भी अपना महत्व है।
– यहां अष्टमी के दिन तांत्रिकों का जमावड़ा रहता है। आधी रात के बाद यहां विंध्यवासिनी मां की पूजा शुरू होती है। ऐसा माना जाता है कि तांत्रिक यहां अपनी तंत्र विद्या सिद्ध करते हैं।
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