Google का ये नया सिक्यूरिटी फीचर “unverified apps” को क्लॉक करने में करेगा मदद

Google Docs की घटना के बाद अब गूगल अपने यूजर्स की सुरक्षा को लेकर और सतर्क हो गया है। आपको बता दें कि ने अपनी सेवाओं और ऐप्स की सुरक्षा की द्रष्टि से इनमें कुछ नए सिक्यूरिटी फीचर्स को शामिल किया है। इसमें आपको Gmail के लिए कड़ी सुरक्षा और G सुइट का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स के लिए Whitelist Procedures शामिल हैं। इसके अलावा अब कंपनी ने एक बार फिर से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एक नई वार्निंग स्क्रीन को शामिल किया है, यह इन सभी ऐप्स के लिए है जो डेवेलपर्स की और से गूगल के ऐप वेरिफिकेशन सिस्टम से नहीं गुजरे हैं।

एप्पल का भी ऐसा ही मिलता जुलता प्रोसेस है, जो OS X के स्थान पर GateKeeper के तौर पर इस्तेमाल में लिया जाता है, और विंडोज 10 ने नॉन-स्टोर ऐप्स को भी क्लॉक कर दिया है। जब आप किसी unverified app से गुजरते हैं, वैसे ही आपको एक नोटिफिकेशन मिलेगा, और आगे बढ़ने के लिए आपको कंटिन्यू टाइप करना होगा करना होगा, और अगर आप ऐसा किये बिना ही उसमे चले जाते हैं तो आपको काफी नुकसान पहुंच सकता है। क्योंकि आप अपनी सुरक्षा में ऐसा करने से खुद ही सेंध लगवा सकते हैं। आपको ये भी बता दें कि वार्निंग स्क्रीन पर आपको जो वार्निंग मिलने वाली है, वह आपको ऐप का नाम, और इसके डेवेलपर के बारे मेंभी जानकारी देने वाली है। और आप इसे इसके बारे में जानकारी ही हटा सकते हैं और साइबर अटैक जैसी घटनाओं से बच सकते हैं। इस GIF के माध्यम से आप इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं।

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गूगल की ओर से नवीन अग्रवाल और Wesley Chun ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि, “हम दोनों उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस नए नोटिस में यूजर्स को पहले ही इस बात का पता चल जाएगा अगर उन्हें किसी भी तरह का रिस्क होने वाला है। और उन्हें सेफ रहने के लिए पहले ही सोचने समझने का मौक़ा मिल जाएगा।

 

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